CG: फौजी के भाई से वसूली पर बवाल- फर्जी केस में थाने में बैठाकर वसूले पैसे, TI और हेड कांस्टेबल सस्पेंड, IG ने लिया एक्शन

मोहला-मानपुर। छत्तीसगढ़ के मोहला मानपुर जिले से खाकी को शर्मसार करने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां महाराष्ट्र के एक फौजी परिवार के साथ पुलिस ने अपराधियों जैसा व्यवहार किया। उन्हें रातभर थाने में भूखे-प्यासे बैठाए रखा और रिश्वत लेने के बाद ही छोड़ा गया। मामला सामने आने के बाद राजनांदगांव रेंज के आईजी अभिषेक शांडिल्य के निर्देश पर एसपी ने थाना प्रभारी और एक प्रधान आरक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना चिल्हाटी थाना क्षेत्र की है। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र निवासी फौजी चतुर सिंधराम का बड़ा भाई मधुर सिंधराम 20 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के रामकुमार सलामे से एक जोड़ी बैल खरीदकर उन्हें देवदास साहू के पिकअप वाहन में लेकर महाराष्ट्र वापस लौट रहे थे। रास्ते में चिल्हाटी पुलिस ने मवेशी तस्करी के संदेह में वाहन को रोक लिया।
पीड़ित मधुर सिंधराम ने जब खुद को फौजी का भाई बताते हुए दस्तावेज पेश किए, तब भी थाना प्रभारी रविशंकर डहरिया के निर्देश पर पुलिस टीम ने पूरे परिवार को रातभर थाने में बैठाकर रखा, बिना खाना-पानी दिए।
मां के निधन के बाद भी नहीं मिली रिहाई
इस दौरान पीड़ित की मां का 21 अप्रैल को निधन हो गया, जिसकी जानकारी थाने में मौजूद मधुर सिंधराम ने पुलिस को दी। मगर, उन्होंने उसे जाने की अनुमति नहीं दी। मिन्नतों के बाद जब पुलिस ने रिहा किया, तब रिश्वत ली गई, जिससे वह मां के अंतिम संस्कार में शामिल हो पाया।
मीडिया में मामला आने पर एक्शन में आया प्रशासन
मीडिया में मामला आने के बाद आईजी अभिषेक शांडिल्य ने एसपी को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद:
थाना प्रभारी रविशंकर डहरिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।प्रधान आरक्षक राजेश्वर बोगा, जो पीड़ित पर मामला दबाने का दबाव बना रहे थे, उन्हें भी निलंबित कर दिया गया| मामले में विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की संवेदनहीनता और व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को उजागर कर दिया है। पीड़ित परिवार ने न्याय की मांग की है।