दुर्ग

दुर्ग रेलवे स्टेशन पर ननों की गिरफ्तारी ने पकड़ा तूल, विपक्षी दलों का BJP पर हमला

दुर्ग | छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों की गिरफ्तारी के बाद मामला अब पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले चुका है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। वहीं, चर्च और कांग्रेस ने इस घटना को अल्पसंख्यकों के खिलाफ कार्रवाई बताते हुए भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है।

क्या है मामला?

पकड़ी गईं नन सिस्टर वंदना फ्रांसिस और सिस्टर प्रीति को शुक्रवार को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया। उन पर जबरन धर्मांतरण और मानव तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस के अनुसार, दोनों महिलाओं को तीन अन्य युवतियों के साथ आगरा ले जाया जा रहा था। गिरफ्तारी के बाद दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

चर्च ने बताया धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला

सीरो-मालाबार चर्च और ग्रीन गार्डन्स धार्मिक समुदाय ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चर्च का कहना है कि दोनों नन के पास सभी वैध दस्तावेज मौजूद थे और वे तीन महिलाओं को आगरा के फातिमा अस्पताल में नौकरी दिलाने के लिए ले जा रही थीं। चर्च का आरोप है कि स्टेशन पर बजरंग दल से जुड़े लोगों ने ननों को घेरकर जबरन धर्मांतरण के आरोप लगाए और पुलिस ने बिना उचित जांच के गिरफ्तारी कर ली। इसे उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया है।

केरल के मुख्यमंत्री का केंद्र सरकार पर दबाव

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की अपील की है। विजयन ने पत्र में लिखा कि यह घटना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है। उन्होंने यह भी चिंता जताई कि गिरफ्तारी के बाद परिजनों का संपर्क ननों से नहीं हो पा रहा है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है।

कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना

केरल कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भाजपा पर सीधा हमला बोला है। AICC महासचिव केसी वेणुगोपाल और नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सतीशन ने इसे भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचारों का उदाहरण बताया है। वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर लिखा— “छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में अल्पसंख्यकों पर हमलों में तेजी आई है, यह लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरे की घंटी है।”

भाजपा की सफाई

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि पुलिस ने कानून के तहत कार्रवाई की है। यदि दस्तावेज सही हैं और कोई जबरन धर्मांतरण का मामला नहीं है तो जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

माहौल गरमाया, जांच के बाद खुलासा संभव

फिलहाल यह मामला तेजी से राजनीतिक और सामाजिक रूप से गरमा रहा है। चर्च, अल्पसंख्यक संगठनों और विपक्षी दलों के हमले के बीच पुलिस और प्रशासन पर निष्पक्ष जांच का दबाव बढ़ता जा रहा है। आने वाले दिनों में यह प्रकरण और तूल पकड़ सकता है।

चतुर मूर्ति वर्मा, बलौदाबाजार

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