70 की उम्र में राजनीति का झटका: धनखड़ का इस्तीफा सवालों के घेरे में

नई दिल्ली। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। उन्होंने अपने त्यागपत्र में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और कहा कि वह चिकित्सा सलाह के अनुरूप तत्काल प्रभाव से पद त्याग रहे हैं।
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग की सराहना की और लिखा कि देश की आर्थिक प्रगति और विकास का हिस्सा बनना उनके लिए गौरव की बात रही। उन्होंने संसद सदस्यों से मिले विश्वास और स्नेह के लिए भी आभार जताया।
सियासी सरगर्मी और अटकलें
धनखड़ का यह फैसला उस वक्त आया जब वह कुछ घंटे पहले तक अपनी आगामी बैठकों और कार्यक्रमों को लेकर सक्रिय थे। 23 जुलाई को जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति तय थी और मंगलवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी उनकी भागीदारी प्रस्तावित थी।
इस अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं। विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे को महज स्वास्थ्य कारणों से जोड़ने से इनकार किया है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने हैरानी जताते हुए कहा कि “धनखड़ सोमवार शाम तक सांसदों से मुलाकात और फोन पर चर्चा कर रहे थे।” उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वे धनखड़ को इस्तीफा वापस लेने के लिए प्रेरित करें, जिससे “देशहित और किसानों को राहत” मिल सके।
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में विपक्ष ने धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जिसमें उन्हें “पक्षपाती व्यवहार” का दोषी ठहराया गया था। हालांकि यह प्रस्ताव तकनीकी कारणों से खारिज हो गया।