शराब घोटाला: रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, फिर भी रहेंगे जेल में

नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में गिरफ्तार रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। मंगलवार को जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने टुटेजा को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है।
हालांकि, उन्हें जेल से फिलहाल रिहाई नहीं मिल पाएगी, क्योंकि शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की जांच अभी भी जारी है और उस मामले में वे न्यायिक हिरासत में हैं।
जमानत की शर्तें:
- पासपोर्ट जमा कराना अनिवार्य होगा।
- कोर्ट की सभी सुनवाइयों में सहयोग करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने ED को आदेश दिया है कि वह टुटेजा को जमानत प्रक्रिया के लिए संबंधित निचली अदालत में पेश करे।
कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि विशेष न्यायाधीश की अदालत वर्तमान में रिक्त है, जिससे प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दी जमानत?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल 2025 को उस विशेष अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें टुटेजा के खिलाफ आरोप तय किए गए थे।
हाईकोर्ट ने कहा था कि सीआरपीसी की धारा 197 के तहत सरकारी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने से पहले सरकार की अनुमति जरूरी होती है, जो इस मामले में नहीं ली गई थी।
शराब घोटाले का मामला:
छत्तीसगढ़ में कथित 2,000 करोड़ रुपए से अधिक के शराब घोटाले में ED और EOW जांच कर रही हैं।
ED का दावा है कि यह घोटाला पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के दौरान हुआ, जिसमें तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी. त्रिपाठी, और व्यापारी अनवर ढेबर पर सिंडिकेट बनाकर भ्रष्टाचार करने का आरोप है।