चतुर मूर्ति वर्मा/बलौदाबाजार
कलेक्टर ने जिला अस्पताल का किया निरीक्षण
व्यवस्थाओं और साफ- सफाई पर जताई संतुष्टि, बीएमआई की भी जल्द मिलेगी सुविधा
लिफ्ट के लिए निर्माण कार्य शुरू नही होने पर इंजीनियर व ठेकेदार तलब
बलौदाबाजार कलेक्टर के. एल. चौहान पहली बार जिला मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल और मातृ एवं शिशु अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होने करीब ढाई घंटे तक अस्पताल के विभिन्न वार्डों, कक्षों एवं लैब का निरीक्षण किया और उपलब्ध सुविधाओं, व्यवस्थाओं तथा साफ- सफाई पर संतुष्टि जताई।
बीएमआई लगाने के दिए निर्देश
कलेक्टर ने अस्पताल के ओपीडी एरिया में एक बॉडी मॉस इंडेक्स मशीन(बीएमआई) लगाने के भी निर्देश दिए ताकि अस्पताल आने वाले मरीज व उनके परिजन इस मशीन से अपने शारीरिक स्थिति जान सकें। बॉडी मॉस इंडेक्स मशीन एक स्वस्थ व्यक्ति का वजन उसकी लंबाई के हिसाब से कितना होना चाहिए इसके लिए तय मानक के अनुसार शरीर संतुलित है या नहीं इसकी जानकारी देता है।
लिफ्ट लेकर जताई नाराजगी
कलेक्टर ने अस्पताल में लिफ्ट संचालन के लिए टेण्डर होने के बाद भी निर्माण कार्य शुरु नही होने पर लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर को फ़ोन लगाकर निर्माण कार्य शुरू नही होने के समंबन्ध में जानकारी ली और अगले दिन सम्बंधित ठेकेदार के साथ कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिये।
क्या है लिफ्ट का पेंच समझिए
जिला अस्पताल में लगने वाला लिफ्ट आखिरकार अब तक क्यों चालू नहीं हो पाया इसके पीछे लग ही कहानी है कलेक्टर साहब ने निरीक्षण के दौरान लिफ्ट चालू नहीं होने को लेकर नाराजगी जताई अब हम आपको लिफ्ट के पीछे की कहानी बताते है स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की माने तो लिफ्ट लगाने की तैयारी सेकंड फ्लोर तक की गई थी बाद में इसे थर्ड फ्लोर तक ले जाने की कवायत कर की जाने लगी यही कारण है की लिफ्ट की शुरुआत अब तक नहीं हो पाई है
पोषण पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण
अस्पताल परिसर में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र का भी निरीक्षण किया और भर्ती बच्चों के सम्बंफह में जानकारी ली। उन्होंने बच्चो के पालकों से कहा कि केंद्र से छुट्टी मिलने के बाद यहां दिए गए आहार सूची के अनुसार घर मे भी बच्चों को समय पर आहार दें। केंद्र में 5 कुपोषित बच्चे भर्ती हैं जिन्हें डाईट चार्ट के अनुसार आहार दिया जा रहा है।
नशा मुक्ति केंद्र भी गए कलेक्टर
अस्पताल परिसर में संचालित नशा मुक्ति केंद्र का अवलोकन करते हुए प्रतिदिन परामर्श के लिए आने वाले लोगों की जानकारी ली। बताया गया कि लगभग 5-6 लोग प्रतिदिन केंद्र में परामर्श लेने आते हैं जिनमे ज्यादातर शराब व धूम्रपान के आदी लोग होते हैं।प्रत्येक व्यक्ति की सप्ताह में एक दिन व तीन महीने तक काउंसिलिंग की जाती है।
कलेक्टर ने दवा भंडारण कक्ष भी देखा
कलेक्टर ने दवा भंडारण कक्ष का निरीक्षण कर भंडारण एवं वितरण की जानकारी ली। उन्होंने कालातीत दवाईयों की सुव्यवस्थित रख रखने के निर्देश दिए। बताया गया कि अस्पताल में दवाइयों की आपूर्ति सीजीएमएससी के द्वारा की जाती है। कालातीत दवाइयों को अलग रखने की व्यवस्था है। हर माह कालातीत दवाइयों को सीजीएमएससी को वापस कर दिया जाता है।
यहां भी पहुंचे कलेक्टर
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान शिशु रोग विभाग, फिजियोथेरेपी, प्रसूति कक्ष, आपातकालीन कक्ष, ट्रामा सेंटर, सीटी स्कैन कक्ष, हमर लैब, वायरोलॉजी लैब, डायलिसिस कक्ष, सर्जिकल वार्ड, ऑपरेशन थियेटर,ब्लड बैंक, एसएनसीयू, आदि का अवलोकन किया।
ये अधिकारी रहे मौजूद
इस दौरान सीईओ जिला पंचायत सुश्री दिव्या अग्रवाल, सहायक कलेक्टर सुश्री नम्रता चौबे, एसडीएम श्री अमित गुप्ता, सीएमएचओ डॉ. एमपी महिश्वर, सिविल सर्जन डॉ. राजेश अवस्थी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री टिकवेन्द्र जाटवर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।