अब जमीन पंजीयन होगा पारदर्शी, सरल और सस्ता: वित्त मंत्री ओपी चौधरी

रायपुर। छत्तीसगढ़ की जनता के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने भूमि पंजीयन प्रणाली को पारदर्शी, सरल और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 10 तकनीक आधारित सुधारों की शुरुआत की है। इन सेवाओं का शुभारंभ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में हुआ, जबकि वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सुधारों का विस्तार से विवरण प्रस्तुत किया।
जनता को मिलेगी सीधी राहत
वित्त मंत्री ने बताया कि इन तकनीकी नवाचारों के ज़रिए अब जमीन के रजिस्ट्रेशन, बंटवारे और हक त्याग जैसे कार्य आसान और सस्ते हो जाएंगे।
बंटवारे और हक त्याग की फीस अब घटाकर मात्र ₹500 कर दी गई है।
पेड़ों के पंजीयन पर लगने वाला शुल्क अब पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
10 प्रमुख तकनीकी सुधार
इन सुधारों में निम्नलिखित सेवाएं शामिल हैं:
ऑटो म्यूटेशन (स्वचालित नामांतरण) – अब रजिस्ट्री के तुरंत बाद खुद-ब-खुद नामांतरण हो जाएगा।
डिजिलॉकर से दस्तावेज़ों की प्राप्ति – अब कागज़ की फिजिकल कॉपी की जरूरत नहीं, डिजिटल सत्यापित प्रतियां मान्य होंगी।
- ई-स्टैंप व सत्यापन की सुविधा
- ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सिस्टम
- बायोमेट्रिक सत्यापन से पहचान की पुष्टि
- नक्शे और भू-स्वामी की जानकारी का डिजिटलीकरण
- ऑनलाइन शुल्क भुगतान की सुविधा
- मोबाइल एसएमएस और ईमेल अलर्ट सिस्टम
- फास्ट ट्रैक अनुमोदन प्रक्रिया
- संपत्ति की डिजिटल निगरानी प्रणाली
नागरिक केंद्रित शासन और भ्रष्टाचार पर रोक
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, “हमारी सरकार का संकल्प है कि भूमि से जुड़ी हर प्रक्रिया को जटिलता और भ्रष्टाचार से मुक्त किया जाए।” उन्होंने बताया कि इस कदम से न केवल जनता को राहत मिलेगी, बल्कि राज्य की राजस्व व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
भूमि मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि ये सुधार छत्तीसगढ़ को डिजिटल रजिस्ट्रेशन और भूमि प्रबंधन के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की सूची में ला सकते हैं। इससे लाखों लोगों को सीधे लाभ मिलेगा, साथ ही सरकारी कामकाज की पारदर्शिता और दक्षता में सुधार होगा।