पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता द्वारा लिया जा रहा है विवेचकों की लगातार समीक्षा बैठक

बलौदाबाजार। जिले में लंबित अपराध, मर्ग, गुम इंसान एवं शिकायतों के शीघ्र और प्रभावी निराकरण के लिए पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता द्वारा थाना और चौकी स्तर पर पदस्थ विवेचकों की लगातार समीक्षा बैठकें आयोजित की जा रही हैं। पुलिस कार्यालय स्थित सभा कक्ष में प्रतिदिन अलग-अलग पुलिस अनुविभागों के प्रधान आरक्षकों के कार्यों का मूल्यांकन करते हुए, एसपी भावना गुप्ता ने जांच और विवेचना कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक ने विभिन्न प्रकरणों की बारीकी से समीक्षा करते हुए विवेचना कार्य में लापरवाही बरतने वाले प्रधान आरक्षकों को सख्त चेतावनी दी। साथ ही सभी प्रकरणों का शीघ्र और निष्पक्ष निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए।
एसपी भावना गुप्ता के प्रमुख निर्देश:
- सभी आपराधिक प्रकरणों में आरोपियों के पूर्ववृत्त (क्रिमिनल रिकॉर्ड) अनिवार्य रूप से संलग्न किए जाएं।
- दो या अधिक प्रकरणों में संलिप्त आरोपियों पर विशेष निगरानी रखी जाए।
- सात वर्ष से कम दण्डनीय अपराधों में सुप्रीम कोर्ट के अर्नेश कुमार केस का पालन हो।
- घटनास्थल निरीक्षण, प्रार्थी का कथन, संपत्ति जप्ती की कार्रवाईई-साक्ष्य एप के माध्यम से अनिवार्य रूप से की जाए।
- चश्मदीद गवाहों के बयान धारा 164 द.प्र.सं. / 183 बीएनएसएस के तहत न्यायालय से दर्ज कराए जाएं।
- सड़क दुर्घटना (एक्सीडेंट) प्रकरणों में मोटरयान अधिनियम की धाराओं का विधिवत समावेश किया जाए।
- अपहृत बालक/बालिकाओं की बरामदगी को शत-प्रतिशत प्राथमिकता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए।
- विवेचना में तकनीकी साक्ष्यों पर विशेष ध्यान दिया जाए।
- त्रिनयन एप के माध्यम से सीसीटीवी फुटेज की जांच कर अपराधियों की पतासाजी की जाए।
- प्रत्येक प्रकरण में गहराई से विवेचना कर दोषियों की शत-प्रतिशत दोषसिद्धि सुनिश्चित की जाए।
- लंबित अपराध, मर्ग, गुम इंसान एवं शिकायतों का प्रकरणवार पृथक-पृथक निराकरण सुनिश्चित किया जाए।
एसपी भावना गुप्ता ने स्पष्ट कहा कि जांच कार्यवाही में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। संबंधित प्रधान आरक्षकों को चेतावनी देते हुए उन्होंने समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।





