‘अल्लाह का दूत’ बनकर विमान हाईजैक की कोशिश, कनाडा में फाइटर जेट्स ने लिया पीछा

वैंकूवर। कनाडा के वैंकूवर में मंगलवार को एक बेहद अजीब और चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसने न केवल सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया, बल्कि जलवायु परिवर्तन और धार्मिक कट्टरता के बीच एक नई बहस भी छेड़ दी। 39 वर्षीय कनाडाई नागरिक शाहीर कासिम ने खुद को ‘अल्लाह का दूत’ और ‘मसीहा’ बताते हुए एक सेसना ट्रेनिंग विमान को हाईजैक कर लिया।
इस घटना ने तब और भी सनसनी फैला दी जब नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) को मजबूरन F-15 फाइटर जेट्स को अलर्ट कर, हाईजैक किए गए विमान का पीछा करने के लिए भेजना पड़ा। हालांकि गनीमत रही कि प्लेन की सुरक्षित लैंडिंग हो गई और किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।
धमकी देकर किया विमान पर कब्जा
पुलिस के अनुसार, आरोपी कासिम ने विक्टोरिया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक फ्लाइट प्रशिक्षक को धमकाकर विमान पर कब्जा किया और लगभग 64 किलोमीटर उड़ान भरकर वैंकूवर तक पहुंचा। घटना के तुरंत बाद रॉयल कनाडाई माउंटेड पुलिस (RCMP) ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उस पर आतंकवाद से जुड़ी हाईजैकिंग की गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।
‘फरिश्ता जिब्राइल ने भेजा है मुझे’
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि कासिम ने यह हरकत वैचारिक प्रेरणा और धार्मिक विश्वासों के चलते की। उसने खुद को ‘अल्लाह का दूत’ बताते हुए दावा किया कि ‘फरिश्ता जिब्राइल’ ने उसे मानवता को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने का संदेश दिया। उसका मकसद था पूरी दुनिया का ध्यान जलवायु संकट की ओर खींचना।
कासिम ‘सैम काराना’ नाम से सोशल मीडिया पर सक्रिय था और ‘आर्कटिक न्यूज’ नामक ब्लॉग चलाता रहा है, जिसमें वह आर्कटिक में हो रहे जलवायु परिवर्तनों के खतरे को लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश करता रहा।
पायलट से मसीहा बनने का सफर
कासिम की पृष्ठभूमि भी काफी दिलचस्प है। वह 2008 से 2010 तक ‘केडी एयर’ नामक एक क्षेत्रीय एयरलाइन में पायलट रह चुका है। उसके पूर्व मालिकों के अनुसार, वह बेहद कुशल और बुद्धिमान पायलट था, लेकिन बाद में दुनिया के अंत की चिंता में डूबा और एयरलाइन छोड़कर मेडिकल स्कूल चला गया।
अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई से बची जानें
ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी ने इस घटना को ‘अजीब’ और ‘चिंताजनक’ बताते हुए अधिकारियों की साहसिक और संयमित कार्रवाई की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि सुरक्षा एजेंसियों को हर परिस्थिति के लिए सतर्क और तत्पर रहना चाहिए।”