सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: IPC धारा 498A में FIR के बाद दो महीने तक नहीं होगी गिरफ्तारी

नई दिल्ली। वैवाहिक विवादों में फर्जी मामलों और गैर-जरूरी गिरफ्तारियों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A के दुरुपयोग को रोकने के लिए शीर्ष अदालत ने आदेश दिया है कि अब इस धारा के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज होते ही तुरंत गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि FIR दर्ज होने के बाद पुलिस को दो महीने का “कूलिंग-ऑफ पीरियड” देना होगा, जिसके दौरान कोई गिरफ्तारी या दंडात्मक कार्रवाई नहीं हो सकेगी।
क्यों जरूरी पड़ा ‘कूलिंग-ऑफ पीरियड’?
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने यह आदेश एक मामले की सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी महिला द्वारा अपने पति और ससुर के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए थे। इस केस में पति को 109 दिन और बुजुर्ग ससुर को 103 दिन जेल में बिताने पड़े थे। जांच में आरोप पूरी तरह झूठे साबित हुए। कोर्ट ने कहा— “ऐसे मामलों में निर्दोष लोगों को झूठे मामलों में फंसाकर मानसिक और शारीरिक यातना दी जाती है, जिसकी कोई भरपाई नहीं हो सकती।”
‘परिवार कल्याण समिति’ का गठन होगा
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों को प्रभावी बताते हुए पूरे देश में लागू करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के सुझावों के मुताबिक:
हर जिले में ‘परिवार कल्याण समिति’ का गठन होगा।
धारा 498A के किसी भी केस की शिकायत पहले इस समिति के पास भेजी जाएगी।
समिति दोनों पक्षों से संवाद कर विवाद सुलझाने का प्रयास करेगी और रिपोर्ट पुलिस को सौंपेगी।
पुलिस समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे गिरफ्तारी या कार्रवाई करेगी।
धारा 498A और BNS धारा 85— दोनों पर लागू होगा आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह आदेश भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 85, दोनों पर समान रूप से लागू रहेगा। अदालत ने इसे वैवाहिक विवादों में कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए “व्यावहारिक समाधान” बताया है।
दहेज उत्पीड़न के झूठे मामलों पर लगेगी लगाम
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को दहेज उत्पीड़न के झूठे मामलों में गिरफ्तारी से पहले एक बड़ी सुरक्षा कवच के रूप में देखा जा रहा है। अदालत ने साफ किया कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया में जल्दबाजी करने से पहले सुलह और मध्यस्थता के सभी प्रयास किए जाने चाहिए।