संसद में आज फिर सियासी संग्राम, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस के लिए 9 घंटे तय

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का बुधवार को तीसरा दिन है, लेकिन पहले से ही राजनीतिक घमासान के संकेत मिलने लगे हैं। लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही फिर से शुरू होगी, मगर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जारी तनातनी के चलते दोनों सदनों में जोरदार हंगामे की आशंका बनी हुई है।
राज्यसभा में दोपहर 12:30 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है, जिसमें सदन की आगामी कार्यसूची पर चर्चा की जाएगी। वहीं, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर होने वाली बहस चर्चा का मुख्य केंद्र बनी हुई है। इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए चर्चा का समय बढ़ाकर 9 घंटे कर दिया गया है।
मंगलवार को भी सदन में हंगामे का माहौल बना रहा और अंततः लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष ने दो बड़े मुद्दों—बिहार में मतदाता सूची के ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (SIR) और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे—को लेकर सदन में जमकर विरोध जताया।
सत्र के दूसरे दिन विपक्षी नेताओं ने संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के बाहर एकजुट होकर चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि बिहार में SIR अभियान पक्षपातपूर्ण ढंग से चलाया जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
जब राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश ने विपक्ष द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्तावों को खारिज कर दिया, तब हंगामा चरम पर पहुंच गया। सांसद नारेबाज़ी करते हुए वेल में आ गए, जिससे सदन को तीन बार स्थगित करना पड़ा और अंत में कार्यवाही पूरे दिन के लिए रोक दी गई।
लोकसभा में भी यही स्थिति रही। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और SIR को लेकर विपक्ष ने बहस की मांग की, मगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अनुमति नहीं दी। इसके चलते बार-बार कार्यवाही स्थगित होती रही और अंततः लोकसभा की कार्यवाही भी दिनभर के लिए रोक दी गई।
बुधवार को सदन में एक बार फिर बहस, टकराव और रणनीति के नए दौर की उम्मीद है। अब देखना होगा कि बहुप्रतीक्षित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा सधे स्वर में होती है या यह भी सियासी तूफान की भेंट चढ़ती है।