52 हजार शिकायतें, 47 हजार लंबित — रायपुर में ठप पड़ा निवारण तंत्र

रायपुर | राजधानी के सरकारी कार्यालयों में जनता की समस्याओं का निपटारा ठप पड़ गया है। जनवरी से अगस्त 2025 के बीच अलग-अलग विभागों में कुल 52,413 शिकायत-आवेदन पहुंचे, लेकिन इनमें से 47,518 मामलों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। आंकड़े साफ बता रहे हैं कि अफसर शिकायतें तो ले रहे हैं, मगर उनके समाधान में रुचि नहीं दिखा रहे।
लोग अपनी जमीन, नामांतरण, बटांकन, मुआवजा और कब्जा दिलाने जैसी समस्याओं को लेकर बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन फाइलें महीनों से धूल खा रही हैं। रायपुर तहसील कार्यालय में सबसे ज्यादा 10,807 मामले लंबित हैं, जिनमें ज्यादातर जमीन से जुड़े विवाद हैं। आरंग तहसील दूसरे नंबर पर है, जहां 6,000 से ज्यादा मामले निपटारे की प्रतीक्षा में हैं।
नगर निगम रायपुर की स्थिति भी अलग नहीं है। यहां पिछले 8 माह में 6,408 शिकायतें आईं, जिनमें से 6,047 मामले अब तक अधूरे हैं। यही हाल बिरगांव नगर निगम, तिल्दा तहसील, मंदिरहसौद तहसील और नगर निगम के विभिन्न जोन कार्यालयों का है।
अधिकारियों ने केवल 3,471 आवेदनों को ठोस आधार न मिलने पर निरस्त किया, बाकी का ठिकाना ‘लंबित मामलों’ की सूची में है। नतीजा यह है कि आम जनता समाधान के बजाय सिर्फ तारीख पर तारीख पा रही है।