CG News: अस्पतालों में दवाइयों की गुणवत्ता बरकरार रखने 70 AC वाहन सेवा में उतरे

रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) ने प्रदेशभर के अस्पतालों में दवाइयों और कंज्यूमेबल सामान की गुणवत्ता और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस 70 वातानुकूलित (AC) वाहनों की शुरुआत की है। इन सभी वाहनों में हाई-टेक जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया गया है, जिससे वेयरहाउस से अस्पताल तक की हर मूवमेंट को रियल टाइम में ट्रैक किया जा सकेगा।
हर साल 1000 तरह की दवाइयां और 600 कंज्यूमेबल आइटम की सप्लाई
कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश के अस्पतालों में हर साल करीब 1000 प्रकार की दवाइयां और 600 प्रकार के कंज्यूमेबल सामान और रीजेंट्स की आपूर्ति की जाती है। इनकी क्वालिटी को मेंटेन रखना और समय पर पहुंचाना एक बड़ी चुनौती रहा है, जिसे अब इन AC वाहनों के जरिए बेहतर तरीके से मैनेज किया जाएगा।
नेटवर्क नहीं रहने पर भी लोकेशन को करता है रिकॉर्ड
वाहनों में लगे जीपीएस की खासियत यह है कि नेटवर्क नहीं रहने पर भी ये अपने रूट और लोकेशन को रिकॉर्ड कर लेते हैं और नेटवर्क आते ही सिस्टम पर अपडेट कर देते हैं। इससे किसी भी तरह की गड़बड़ी, देरी या दवाइयों की खराब क्वालिटी की गुंजाइश नहीं रहेगी।
पारदर्शिता के लिए वेबपोर्टल से लिंक, लोकेशन सभी देख सकेंगे
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और सचिव अमित कटारिया ने इन वाहनों का निरीक्षण किया और कहा कि अब दवाइयों की सप्लाई में पारदर्शिता लाई जाएगी। वेयरहाउस से अस्पताल तक वाहनों की रियल टाइम लोकेशन वेबपोर्टल पर दिखेगी, जिसे कोई भी देख सकेगा। इससे किसी भी स्तर पर लापरवाही पर तत्काल कार्रवाई हो सकेगी।
दवा की क्वालिटी बनाए रखने में AC वाहनों की अहम भूमिका
गर्मी के मौसम में दवाइयों की गुणवत्ता अक्सर प्रभावित होती थी, खासकर जब उन्हें दूरदराज के अस्पतालों तक पहुंचाया जाता था। इन नए AC वाहनों में टेंपरेचर सेंसर लगे हैं, जो दवाइयों का तापमान नियंत्रित रखेंगे। इससे वैक्सीनेशन ड्राइव और इमरजेंसी कार्यक्रमों में भी इनकी अहम भूमिका रहेगी।
वेयरहाउस की संख्या बढ़ाने की मांग
CGMSC की एमडी पद्मिनी भोई साहू ने प्रदेश में वेयरहाउस की संख्या बढ़ाने की मांग की है। फिलहाल 33 जिलों के लिए केवल 16 वेयरहाउस हैं, जिससे लॉजिस्टिक्स में दिक्कतें आती हैं। मंत्री जायसवाल ने वेयरहाउस की संख्या बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
दावों के बावजूद क्वालिटी पर सवाल कायम
हालांकि, अधिकारियों द्वारा तमाम दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अब भी कई अस्पतालों में घटिया दवाइयां, इंजेक्शन और सर्जिकल किट्स की शिकायतें मिलती हैं। मरीजों की जान पर खतरा बना रहता है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि नए सिस्टम से इन गड़बड़ियों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।