फर्जी डॉक्टर के इलाज से हुईं मौतें: अपोलो अस्पताल बिलासपुर पर FIR, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की मौत से जुड़ा मामला

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पं. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल की मौत के 18 साल पुराने मामले में अब नया मोड़ आ गया है। वर्ष 2006 में बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में हुए इलाज को लेकर उनके बेटे प्रदीप शुक्ल ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनके पिता की जान एक फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य उर्फ जॉन केम के इलाज से गई थी।
इस मामले में अब बिलासपुर पुलिस ने अपोलो अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें डॉक्टर की नियुक्ति में लापरवाही और फर्जीवाड़े को लेकर केस दर्ज हुआ है।
दमोह में भी हुआ बड़ा खुलासा
फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य की करतूतों का पर्दाफाश मध्यप्रदेश के दमोह जिले में हुआ, जहां वह लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट “डॉ. एन. जॉन केम” के नाम से पहचान बनाकर मरीजों का इलाज कर रहा था।
दमोह के मिशन अस्पताल में उसने ढाई महीने में 15 हार्ट ऑपरेशन किए, जिनमें से 7 मरीजों की मौत हो गई। ये ऑपरेशन दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच किए गए।
सोशल मीडिया से हुआ खुलासा
4 अप्रैल को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने इस मामले को सोशल मीडिया पर उजागर किया। इसके बाद जांच शुरू हुई, और डॉक्टर के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
फर्जीवाड़े की जड़ें बिलासपुर से जुड़ीं
जांच के दौरान यह सामने आया कि नरेंद्र विक्रमादित्य उर्फ जॉन केम पहले बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में कार्यरत था, जहां वर्ष 2006 में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल का इलाज हुआ था।
अब सवाल उठ रहे हैं कि एक फर्जी डॉक्टर को इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे दी गई? क्या अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टर की योग्यता और पृष्ठभूमि की सही जांच की थी?
आरोपी डॉक्टर गिरफ्तार
फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को दमोह पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अब पूरे मामले की तह तक जाने के लिए छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की संयुक्त जांच की मांग भी उठ रही है।