छत्तीसगढ़ में मानसून की सुस्ती, उमस और बीमारियों का डबल अटैक; चिपचिपी गर्मी से लोग बेहाल

भिलाई/दुर्ग। छत्तीसगढ़ के भिलाई और दुर्ग जिले में मंगलवार का दिन उमस और चिपचिपी गर्मी के कारण लोगों के लिए बेहद परेशानी भरा रहा। सावन के महीने में बारिश की जगह गर्मी और पसीने ने लोगों को हलाकान कर दिया। दिनभर उमस से परेशान लोग शाम को राहत की उम्मीद में आसमान की ओर देखते रहे, लेकिन घने काले बादल बरसे नहीं। दुर्ग-भिलाई क्षेत्र में केवल कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई, जिससे उमस और भी ज्यादा बढ़ गई।
मौसम विभाग के अनुसार दुर्ग जिले के कुछ क्षेत्रों में मंगलवार शाम 4:30 बजे तक 4.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई। लेकिन यह बारिश गर्मी से राहत दिलाने की बजाय और अधिक उमस का कारण बन गई। दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से 3.9 डिग्री अधिक होकर 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान भी 0.4 डिग्री बढ़कर 23.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।
मौसम वैज्ञानिक एच.पी. चंद्रा ने बताया कि वर्तमान में मानसून द्रोणिका (Monsoon Trough Line) पूर्वी छोर पर खिसककर अरुणाचल प्रदेश की ओर चली गई है, जिसे ‘मानसून ब्रेक’ की स्थिति कहा जाता है। इसके कारण प्रदेश में व्यापक बारिश नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ गरज-चमक और वज्रपात की संभावना बन सकती है।
बढ़ती बीमारियों का खतरा:
मौसम में लगातार हो रहे बदलावों का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है। शहर से लेकर गांव तक अस्पतालों में वायरल फीवर, सर्दी-खांसी और जुकाम के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि वायरल फीवर और जुकाम जल्दी ठीक भी नहीं हो रहे। मेडिकल स्टोर्स में बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन लोग खुद ही कर रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि यदि बुखार तीन दिन से अधिक बना रहे तो तुरंत अस्पताल जाकर चेकअप कराना जरूरी है। अपनी मर्जी से एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन नहीं करें, क्योंकि गलत डोज स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकती है।