छत्तीसगढ़ में फिर सामने आई अमानक दवा, CGMSC ने बिक्री और उपयोग पर लगाई रोक

रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी गंभीर लापरवाही सामने आई है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) ने Phenytoin Sodium इंजेक्शन को अमानक पाए जाने के बाद उसके उपयोग और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इससे पहले भी CGMSC ने प्रेगनेंसी डायग्नोस्टिक कीट और इंट्रावीनस ड्रिप सेट पर गुणवत्ता संबंधी शिकायतों के चलते रोक लगाई थी।
Phenytoin Sodium इंजेक्शन का इस्तेमाल मिर्गी के दौरे और सिर में चोट लगने के बाद झटका रोकने के लिए किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवा है, जिसे कई मरीजों को जीवन भर लेना होता है। यह इंजेक्शन सिस्टोग्राम लैबोरेट्रीज लिमिटेड द्वारा आपूर्ति किया गया था।
पहले परीक्षण में ही यह दवा अमानक पाई गई थी, जिसके बाद CGMSC ने इसकी आपूर्ति और उपयोग पर अस्थायी रोक लगाई थी। अब अंतिम गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट में भी इसकी गुणवत्ता मानकों पर खरा न उतरने की पुष्टि हुई है। इसके मद्देनजर, CGMSC ने सभी संबंधित चिकित्सा संस्थानों को आदेश जारी कर दवा को उपयोग में न लाने और इसे गोदाम में वापस करने के निर्देश दिए हैं।
इन संस्थानों को मिले हैं स्पष्ट निर्देश:
- डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल, रायपुर
- DKS अस्पताल के अधीक्षक
- सभी सिविल सर्जन
- सभी चिकित्सा अधिकारी
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और हेल्थ वेलनेस सेंटर
पहले भी लगे प्रतिबंध:
गौरतलब है कि इससे पहले भी CGMSC ने प्रेगनेंसी डायग्नोस्टिक किट और इंट्रावीनस ड्रिप सेट पर भी रोक लगाई थी। इन दोनों उपकरणों की गुणवत्ता को लेकर कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिससे मरीजों की सुरक्षा पर सवाल उठे थे।
स्वास्थ्य विभाग की बड़ी चिंता:
लगातार सामने आ रही अमानक दवाइयां और उपकरण स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की लापरवाहियों से मरीजों की जान पर बन सकती है, लिहाजा दवा आपूर्ति की निगरानी और गुणवत्ता जांच को और सख्त करने की आवश्यकता है।