झूठे केस में फंसाने की कोशिश! दुर्ग में आरक्षक पर गिरी गाज, एसएसपी ने किया निलंबित

दुर्ग। ज़मीन संबंधी शिकायत की जांच के दौरान पुलिस आरक्षक द्वारा कर्तव्य की सीमाएं लांघते हुए कथित रूप से अनावेदक पक्ष को झूठे केस में फंसाने और जेल भेजने की धमकी देने का गंभीर मामला सामने आया है। इस आरोप में आरक्षक हरेराम यादव (क्रमांक 815), जो वर्तमान में रक्षित केंद्र दुर्ग में पदस्थ थे, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
क्या है मामला?
सुपेला थाना क्षेत्र के सुभाष चौक, पुरानी बस्ती निवासी बुधारु राम यादव ने शिकायत की थी कि शिखर नायक व अन्य व्यक्तियों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर उसे अपने नाम पर पंजीकृत करवा लिया है।
इस शिकायत की जांच के दौरान आरोप है कि विवेचना अधिकारी आरक्षक हरेराम यादव ने अनावेदक पक्ष को झूठे केस में फंसाने और गिरफ्तार कराने की धमकी दी, जो कि पुलिस आचरण संहिता और कर्तव्य की मर्यादा के विपरीत है।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई
मामले की जानकारी मिलते ही एसएसपी विजय अग्रवाल ने तत्काल संज्ञान लेकर आरक्षक के संदिग्ध आचरण को गंभीरता से लिया और आरक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए।
- आरक्षक हरेराम यादव की सेवाएं वापस 13वीं वाहिनी, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल कोरबा भेज दी गई हैं।
- निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
- मामले की सूचना तेरहवीं वाहिनी के सेनानी को भी भिजवाई गई है, जिससे विभागीय जांच की प्रक्रिया भी शुरू हो सके।
- पुलिस प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कर्तव्य से हटकर किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता या भ्रष्ट आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।