नए नियम लागू: बच्चे के जन्म के साथ ही अस्पताल में बनेगा बर्थ सर्टिफिकेट

नई दिल्ली। देशभर में नवजात शिशुओं के जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) बनवाने की प्रक्रिया अब और भी सरल और तेज़ हो गई है। केंद्र सरकार ने इस दिशा में एक बड़ा फैसला लेते हुए एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत अब किसी भी शिशु का जन्म प्रमाण पत्र अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले ही तैयार कर दिया जाएगा।
पहले की व्यवस्था में माता-पिता को नगर निगम या पंजीकरण कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। इससे प्रमाण पत्र मिलने में देरी होती थी और कई बार लोगों को एजेंटों की मदद भी लेनी पड़ती थी। अब यह प्रक्रिया पूरी तरह अस्पताल में ही डिजिटल माध्यम से पूरी हो जाएगी।
कैसे होगी प्रक्रिया?
जैसे ही किसी बच्चे का जन्म होता है, उसकी जानकारी अस्पताल की ओर से डिजिटल रूप से संबंधित रजिस्ट्रार कार्यालय को भेज दी जाएगी। इसके बाद जन्म प्रमाण पत्र तैयार कर लिया जाएगा और डिस्चार्ज के समय ही माता-पिता को सौंप दिया जाएगा।
क्या होंगे फायदे?
- अब अलग से आवेदन या सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं।
- पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी, जिससे पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित होगी।
- समय और श्रम दोनों की बचत होगी।
- माता-पिता को किसी एजेंट या कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
- खासतौर पर गांव और कस्बों के लोगों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा, जो सरकारी प्रक्रियाओं से अनभिज्ञ होते हैं।
बर्थ सर्टिफिकेट आज के दौर में आधार कार्ड, स्कूल एडमिशन, बीमा, और सरकारी योजनाओं से जुड़ने के लिए एक आवश्यक दस्तावेज बन चुका है। ऐसे में यह नई व्यवस्था देशभर के लाखों माता-पिता के लिए एक सुविधाजनक और राहत भरी पहल साबित होगी।