जनगणना 2027 की जिम्मेदारी IAS मनोज पिंगुआ के हाथों में, प्रक्रिया दो चरणों में होगी संपन्न

रायपुर/। भारत सरकार ने जनगणना 2027 की तैयारी का आगाज़ कर दिया है। इस संबंध में जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, देश की अगली जनगणना वर्ष 2027 में संपन्न होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनोज कुमार पिंगुआ को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है।
दो चरणों में होगी जनगणना प्रक्रिया
भारत सरकार की अधिसूचना संख्या क. आ. 2681 (अ) दिनांक 16.06.2025 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि आगामी जनगणना दो चरणों में संपन्न की जाएगी।
पहला चरण:
इस चरण को हाउस-लिस्टिंग ऑपरेशन कहा जाता है। यह 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा, जिसमें मकानों की गिनती, उनकी स्थिति, निर्माण सामग्री, जल, बिजली, शौचालय, रसोई, इंटरनेट जैसे संसाधनों की स्थिति दर्ज की जाएगी। यह चरण बेहद महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इससे लोगों के रहने की स्थिति और बुनियादी सुविधाओं की जानकारी एकत्र की जाएगी।
दूसरा चरण:
इस चरण में व्यक्तिगत व जातिगत जनगणना की जाएगी। इसमें नागरिकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, भाषा, शिक्षा, रोजगार, धर्म और जाति से जुड़ी विस्तृत जानकारी जुटाई जाएगी।
IAS मनोज पिंगुआ को समन्वय की जिम्मेदारी
राज्य शासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि IAS मनोज कुमार पिंगुआ को इस पूरी जनगणना प्रक्रिया के राज्यस्तरीय समन्वयक (नोडल अधिकारी) की जिम्मेदारी दी गई है। वे केंद्र व राज्य स्तर के सभी संबंधित विभागों, जिला प्रशासन और अन्य इकाइयों के बीच समन्वय स्थापित करेंगे ताकि जनगणना प्रक्रिया सुचारू रूप से सम्पन्न हो सके।
केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना को दी हरी झंडी
इस बार की जनगणना खास होगी क्योंकि केंद्र सरकार ने पहली बार आधिकारिक रूप से जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया है। इससे देश की सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को समझने और नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी।