कोल इंडिया में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, फर्जी DSP ने बुजुर्ग से उड़ाए 20 लाख

बिलासपुर। बेटी को नौकरी और बेटे का कॉलेज ट्रांसफर—यही सपना दिखाकर बिलासपुर के एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रुपये की ठगी करने वाले शातिर ठग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने खुद को डीएसपी बताकर तीन साल तक भरोसा जीता, डराया और ब्लैकमेल करता रहा।
फर्जी DSP बना भरोसे का सौदागर
पीड़ित एम.ए. सिद्दीकी, जो सिविल लाइन इलाके में रहते हैं और गौरेला में सहायक ग्रेड-2 के पद से रिटायर हो चुके हैं, उन्होंने बताया कि एक युवक अफसर खान ने खुद को डीएसपी बताकर उनसे जान-पहचान बढ़ाई। अफसर ने उनकी बेटी को कोल इंडिया में नौकरी और बेटे के कॉलेज ट्रांसफर का वादा किया। उसने इतने विश्वास के साथ बात की कि सिद्दीकी उसके झांसे में आ गए।
फर्जी दस्तावेज़ और भावनात्मक दबाव से 20 लाख की ठगी
अफसर खान ने सरकारी फॉर्मेट में बनाए गए फर्जी नियुक्ति पत्र, दस्तावेज़ और पहचान पत्र व्हाट्सएप पर भेजे। इसके अलावा भावनात्मक रूप से प्रभावित करते हुए सिद्दीकी से कुल 20 लाख 16 हजार रुपये हड़प लिए। ये पैसे आरोपी की बहन के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराए गए।
तीन साल की धोखाधड़ी के बाद खुला राज
सिविल लाइन थाना प्रभारी के अनुसार, अफसर खान ने पीड़ित को तीन साल तक गुमराह किया। जांच में पता चला कि आरोपी का कोई स्थायी रोजगार नहीं है और उसका पूरा परिवार पहले भी इसी तरह की ठगी में शामिल रहा है। उसके पिता खुद को फॉरेस्ट रेंजर बताकर पहले भी कई लोगों को ठग चुके हैं।
अन्य आरोपी भी चिह्नित, जांच जारी
इस धोखाधड़ी में अफसर खान के साथ सुरुती, कीर्ति ठाकुर और सुनील उर्फ सुशील वर्मा के नाम भी सामने आए हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है। पुलिस का मानना है कि यह एक संगठित गिरोह हो सकता है, जो नौकरी और सरकारी लाभ के नाम पर लोगों को फंसाता है।
पुलिस की अपील
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी व्यक्ति के सरकारी पद पर होने के झांसे में आकर पैसा न दें। सभी नियुक्तियां वैधानिक प्रक्रिया के तहत होती हैं और उनके लिए अधिकृत पोर्टल और संपर्क ही मान्य हैं।