अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के प्रचार पर ईडी का शिकंजा, गूगल-मेटा को समन; विजय देवरकोंडा समेत 29 हस्तियों पर भी कार्रवाई

नई दिल्ली | अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने टेक दिग्गज कंपनियों गूगल और मेटा पर शिकंजा कस दिया है। ईडी ने इन दोनों कंपनियों को दोबारा समन जारी कर 28 जुलाई (सोमवार) को दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले 21 जुलाई को भी दोनों कंपनियों को समन भेजा गया था, लेकिन वे पेश नहीं हो पाए थे।
महादेव बेटिंग ऐप, फेयरप्ले आईपीएल समेत अवैध ऐप्स की जांच
ईडी की जांच का केंद्र महादेव बेटिंग ऐप, फेयरप्ले आईपीएल और इसी तरह के अन्य ऐप्स हैं, जो स्किल-बेस्ड गेमिंग के नाम पर अवैध सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल बताए जा रहे हैं। ईडी का आरोप है कि गूगल और मेटा ने इन अवैध ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापनों के जरिए बढ़ावा दिया, जिससे इनकी पहुंच और यूजर्स की संख्या में भारी इजाफा हुआ। इन ऐप्स के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की गई, जिसे हवाला चैनलों के माध्यम से सफेद धन में बदलने की कोशिश की गई।
29 सेलेब्रिटी और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स पर कार्रवाई
ईडी ने 10 जुलाई को इस मामले में 29 फिल्मी हस्तियों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के खिलाफ कार्रवाई की थी। इनमें विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, निधि अग्रवाल, प्रणिता सुभाष, मंचू लक्ष्मी, अनन्या नगेला सहित कई टीवी कलाकार और इन्फ्लुएंसर्स शामिल हैं। इन सभी पर जंगली रम्मी, ए23, जीतविन, परिमैच और लोटस365 जैसे अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स का प्रचार करने का आरोप है।
सेलेब्रिटीज की सफाई और ईडी की जांच तेज
हालांकि इन हस्तियों ने सफाई दी है कि वे किसी अवैध ऐप का प्रचार नहीं कर रहे थे और उन्हें प्रमोशन के समय ऐप्स की वैधता की जानकारी नहीं थी। बावजूद इसके, ईडी ने पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई तेज कर दी है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दर्ज पांच एफआईआर के आधार पर यह जांच शुरू की गई थी।
गूगल-मेटा की भूमिका पर सवाल, विज्ञापन नीति पर उठे प्रश्न
ईडी का कहना है कि गूगल और मेटा जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स पर इन अवैध ऐप्स के विज्ञापन बड़ी संख्या में प्रसारित किए गए, जिससे करोड़ों यूजर्स तक इनकी पहुंच बनी। जांच एजेंसी के मुताबिक, इन कंपनियों की विज्ञापन नीति में मौजूद खामियों और निगरानी की कमी से इन अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिला है।
ईडी की सख्ती, दोषियों पर कार्रवाई तय
सूत्रों की मानें तो यदि गूगल और मेटा संतोषजनक जवाब देने में असफल रहे तो इन पर आर्थिक दंड समेत सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। ईडी का कहना है कि अवैध सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल किसी भी व्यक्ति या कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा।