वित्त मंत्री का नया रोडमैप: आसान और पारदर्शी GST प्रणाली की ओर कदम

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जीएसटी रिफॉर्म्स पर राज्यों के मंत्रियों के समूह (GoMs) के साथ अहम बैठक की। बैठक में टैक्स दरों को सरल बनाने, कारोबारियों पर कंप्लायंस बोझ कम करने और आम जनता को राहत देने वाले प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी रिफॉर्म का उद्देश्य किसानों, मध्यम वर्ग, एमएसएमई और आम उपभोक्ताओं को सीधी राहत देना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर व्यापक सहमति बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और यह कदम भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम साबित होगा।
बैठक के दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव करेगा। हालांकि, इस पर कुछ राज्यों की राय अलग-अलग है।
2 टैक्स स्लैब का नया प्रस्ताव
वर्तमान में जीएसटी की दरें 5%, 12%, 18% और 28% हैं। नए प्रस्ताव के तहत इन्हें घटाकर केवल 2 दरें — 5% और 18% — रखने की बात कही गई है। वहीं लक्जरी और नुकसानदेह उत्पादों पर 40% टैक्स लगाने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा बैठक में इंश्योरेंस पर टैक्स कम करने, कंपनसेशन सेस की व्यवस्था तय करने और टैक्स स्लैब में उलझनें दूर करने पर भी चर्चा हुई।
राजस्व नुकसान की आशंका
एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, इन रिफॉर्म्स से सरकार को सालाना 85,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व नुकसान हो सकता है। अगर 1 अक्टूबर 2025 से नई दरें लागू होती हैं तो मौजूदा वित्त वर्ष में ही करीब 45,000 करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है।
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की अगली बैठक 21 अगस्त को होगी। इसके बाद अंतिम प्रस्ताव जीएसटी काउंसिल के सामने रखा जाएगा, जो रिफॉर्म्स पर अंतिम फैसला लेगी।





