मिशन वात्सल्य योजना की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल, अपात्रों को दिया गया चयन, योग्य अभ्यर्थी रह गए पीछे

जगदलपुर | जिला बाल देखरेख संस्था में मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत हाऊस फादर सहित अन्य पदों पर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आई है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी की गई चयन सूची में अपात्र अभ्यर्थियों को लाभ देते हुए कई योग्य उम्मीदवारों का हक मारा गया है।
रसोईया को दे दिया बाल संरक्षण का अनुभव
पहले चरण में घोषित चयन सूची में हाऊस फादर के पद पर रसोईया और सहायक रसोईया जैसे कर्मचारियों को बाल संरक्षण का अनुभव मानते हुए चयनित किया गया है। जबकि भर्ती विज्ञापन की गाइडलाइन के अनुसार, इस पद पर केवल बाल संरक्षण और बाल कल्याण का कार्य कर चुके उम्मीदवारों को ही अनुभव का लाभ मिलना था। ऐसे में रसोईघर में 2-3 घंटे काम करने वालों को बाल संरक्षण का अनुभव देना पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है।
गलत जानकारी देने वालों का भी चयन
सबसे गंभीर आरोप किशन बघेल नामक अभ्यर्थी को लेकर है। उसने आवेदन में खुद को अविवाहित बताया जबकि वह विवाहित है। इसकी शिकायत भी विभाग को दी गई, परन्तु ना तो उसे मेरिट सूची से हटाया गया और ना ही कोई कार्रवाई की गई। उल्टे अधिकारी उसे ज्वाइन कराने की तैयारी में लगे हैं।
जांच की बात कह रहे अधिकारी
इस मामले में जिला अधिकारी हेमंत साहू ने कहा है कि, “हम अविवाहित बताने वाले अभ्यर्थी की जांच करवा रहे हैं। अनुभव के मामले में भी मापदंडों को देखा जा रहा है। गाइडलाइन स्पष्ट नहीं थी, इसलिए समिति से पुनः परीक्षण कराया जाएगा।”
चयन समिति की भूमिका संदिग्ध
इस भर्ती प्रक्रिया में कुल 9 पदों के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे। अब शिकायत मिल रही है कि सभी पदों पर गलत अनुभव जोड़कर चयन किया गया है। चयन समिति की पारदर्शिता को लेकर भी अभ्यर्थियों ने कलेक्टर से कार्रवाई की मांग की है।