अमित शाह का विपक्ष पर तंज: लोकतंत्र नहीं, जेल से चलाना चाहते हैं सरकार

नई दिल्ली | पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर उठ रहे सवालों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि धनखड़ का इस्तीफा पूरी तरह व्यक्तिगत स्वास्थ्य कारणों से हुआ है और इसे राजनीतिक रंग देना गलत है।
अमित शाह ने कहा – “धनखड़ जी एक संवैधानिक पद पर आसीन थे और उन्होंने संविधान के अनुरूप बेहतरीन कार्य किया। उन्होंने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते इस्तीफा दिया है। किसी को भी इसमें अतिरिक्त अर्थ खोजने की जरूरत नहीं है।”
विपक्ष पर कड़ा वार
गृह मंत्री ने विपक्ष पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वे 130वें संविधान संशोधन विधेयक का विरोध सिर्फ अपने स्वार्थों की रक्षा के लिए कर रहे हैं। शाह ने कहा – “आज विपक्ष की मंशा यही है कि अगर कभी जेल गए तो वहीं से सरकार चलाएंगे। जेल को ही सीएम हाउस और पीएम हाउस बना देंगे। यह लोकतंत्र में संभव नहीं है।”
उन्होंने विश्वास जताया कि कांग्रेस और विपक्षी दलों के कई नेता इस बिल का समर्थन करेंगे और यह आसानी से संसद में पारित होगा। उन्होंने राहुल गांधी को भी घेरते हुए कहा – “लालू यादव को बचाने के लिए मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए अध्यादेश को राहुल गांधी ने फाड़ दिया था। तब अगर वह नैतिकता थी, तो आज क्यों नहीं है? क्या सिर्फ इसलिए कि आप लगातार तीन चुनाव हार चुके हैं?”
केजरीवाल का भी जिक्र
अमित शाह ने कहा कि अगर यह नया कानून पहले से लागू होता तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल जाने पर तुरंत इस्तीफा देना पड़ता। उन्होंने याद दिलाया कि केजरीवाल ने न्यायिक हिरासत में जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के कहने पर ही इस्तीफा दिया था।
शाह ने यह भी कहा कि इस नए कानून की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष इसमें शामिल नहीं होना चाहता, जबकि जनता सब कुछ देख रही है। शाह ने स्पष्ट किया कि विपक्ष की गैरमौजूदगी में भी जेपीसी अपना काम करती रहेगी।





